शुक्रवार, 18 सितंबर 2009

हवाई यात्रा करने वाली गरीब जनता




केंद्रीय मंत्री शशि थरूर के इकोनॉमी क्लास में हवाई यात्रा को कैटल क्लास में यात्रा करने संबंधी बयान पर एक तरफ जहां राष्ट्रीय राजनीति में बवाल मचा है तो वहीं मप्र में भाजपा एक विधायक और युवा मोर्चे के प्रदेश अध्यक्ष विश्वास सारंग हवाई यात्रा करने वालों को गरीब बताकर क्या साबित करना चाह रहे हैं। अगर वे हवाई यात्रा करने वालों को गरीब मान रहे हैं तो भारत में गरीब की परिभाषा को बदले जाने की आवश्यकता है।
कांग्रेस द्वारा अपने केंद्रीय मंत्रियों को सादगी से रहने और दौरों के लिए इकोनॉमी क्लास में यात्रा करने के प्रेरित करने के प्रयास को श्री थरूर के बयान से झटका लगा है और विपक्ष को बैठे-बिठाए हथियार मिल गया है। श्री थरूर ने इकोनॉमी क्लास की हवाई यात्रा को कैटल क्लास कहकर राजनीति माहौलको गरमा दिया है। हालांकि उनके पक्ष में कुछ बुद्धिजीवी सामने आए हैं जिनका मानना है कि कांग्रेस हाईकमान के मंत्रियों के लिए बनाए गए दिशा-निर्देशों से पाखंड और ढोंग को बढ़ावा मिलेगा।
वहीं दूसरी तरफ प्रदेश में सुर्खियों में बने रहने के लिए बयानवीर नेता भी बात की गंभीरता को समझे बिना बयान जारी कर देते हैं। श्री सारंग ने बयान दिया कि श्री थरूर देश की गरीब जनता की तुलन भेड़-बकरी कर रहे हैं और इसलिए उन्हें तुरंत मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाना चाहिए। श्री थरूर ने हवाई यात्रा करने वालों के लिए बयान दिया था और हमारे देश की करोड़ों की आबादी वाली गरीब जनता ने हवाई जनता तो क्या उसे छूकर देखा तक नहीं होगा। क्या हवाई यात्रा करने वाली गरीब जनता है? अगर है तो फिर हम तो विकासशील नहीं विकसित देशों की श्रेणी में आ चुके होंगे।
केंद्रीय मंत्री श्री थरूर का बयान हो या भाजपा से निष्कासित जसवंत सिंह का कोई विवादास्पद मामला, नेताओं को इसे राजनीतिक चस्मे उतारकर बयानबाजी करना चाहिए। हालांकि तत्कालिक लाभ पाने के लिए लोग सुर्खियां बटोर लेते हैं मगर इसका प्रभाव दीर्घकाल में कहीं न कहीं दिखाई देता है।
- रवींद्र कैलासिया

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