गुरुवार, 6 अगस्त 2009

अफसर की पत्नी का असर

मप्र पुलिस भले ही विधायक की हत्या के आरोपी विधायक की गिरफ्तार में नाकाम, तहसीलदार को पिटाई करने वाले विधायक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने में कई मर्तबा सोचने वाली, किशोरी के साथ बलात्कार के मामलों में महीनों रिपोर्ट नहीं लिखने वाली और महिलाओं के गले से चैन लूटने वाले अपराधियों को पकडऩे में असफल रहने वाली हो मगर एक सरकारी महिला कॉलेज की प्राचार्य और अफसर की पत्नी के कमरे में एक छात्रा की फीस की समस्या को लेकर पहुंचे एक व्यक्ति को जरूर तीन-चार दिन के लिए जेल अवश्य भेज सकती है।
भोपाल के नूतन कॉलेज में तीन अगस्त को एक युवक अशोक पंवार एक छात्रा की मदद कर रहा था और जब उसकी सुनवाई नहीं हुई तो वह प्राचार्य शोभना बाजपेयी मारु के कक्ष में पहुंच गया। श्रीमती मारु के पति भोपाल संभाग के आयुक्त पुखराज मारु हैं। अब क्या था प्राचार्य और ऊपर से अफसर की पत्नी को अशोक पंवार का कृत्य नागवार गुजरा और उन्होंने तत्काल पुलिस को बुलाकर उनके हवाले कर दिया। फिर क्या था पुलिस को भी अफसर को खुश करने का अच्छा अवसर मिल गया और उसने अशोक पंवार को हवालात में बंद कर दिया। संभाग आयुक्त की पत्नी के कक्ष में बिना पूछे प्रवेश करने की सजा उसे यहीं तक नहीं मिली बल्कि तीन जेल में बिताने पड़े और गुरुवार को वह जेल से मुक्त हो सका।
मप्र पुलिस की यह तत्परता अफसर की पत्नी के कक्ष में बिना अनुमति के प्रवेश करने पर दिखाई दी मगर विधानसभा चुनाव में तत्कालीन विधायक सुनील नायक की हत्या के आरोपी बिजेंद्र सिंह राठौर की आज तक गिरफ्तारी नहीं होने, खिलचीपुर में नायब तहसीलदार ओपी राजपूत को पीटने वाले विधायक प्रियव्रत सिंह के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में वैसी तत्परता नहीं दिखाई। भोपाल-बैतूल में किशोरियों के साथ बलात्कार के आरोपियों को बचाने वाली पुलिस का यह रूप आम जनता को चौंकाने वाला है। साथ ही उन महिलाओं को भी इससे आश्चर्य होगा कि भले ही उनके गले की चैन लूटने वाले आरोपियों को मप्र पुलिस नहीं पकड़ पाए मगर अफसर की पत्नी की शिकायत पर बिना जांच-पड़ताल के किसी को भी पकड़कर तीन-चार दिन जेल की हवा खिला सकती है।
- रवींद्र कैलासिया

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