शुक्रवार, 26 जून 2009

अब उनकी मां वापस आ पाएगी

  • आज
    सात साल की कोमल और आठ साल के उसके भाई अमन बिन मां के हो गए हैं। उनकी
    मां इस दुनिया में नहीं है और आरोप है कि उनके पिता ने उसे पीट - पीट कर मारा डाला और
    वह भी जेल में है। इस पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई कि उस से सूचना मिल
    गई थी लेकिन उसने सूचना पर जाना तो दूर सूचना देने वाले व्यक्तियों को ही थाने में रात भर
    बैठाकर रखा और जब महिला की लाश मोहल्ले में मिली तब तुरत - फुरत उन्हें भागने को कहा।मामला मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में राज्य मंत्रालय के सामने बनी झुग्गीबस्ती भीमनगर है।
    पति जीतेंद्र- पत्निी मीना की रात को पिटाई कर रहा था। उसके भाई महेंद्र ने बीच - बचाव कि
    या जब वह नहीं माना था जीजा अशोक के साथ पुलिस थाने में सूचना देने पहुंचा। नई गाड़ी थी
    जिसका नंबर आरटीओ से नहीं मिला था। जीजा शराब के नशे में था। पुलिस ने यहां अपराध नियंत्रण की संवेदनशील नजरों से दोनों को रातभर बैठने को कहा। मगर
    उनकी सूचना पर ध्यान तक नहीं दिया और नींद लेने लगे। सुबह उनकी नींद तब खुली जब भी
    मनगर में एक महिला की लाश मिलने की सूचना आई। यह वही महिला थी जिसे पति पीट रहा
    था। पुलिस की नींद फुर्र हो गई और उन्होंने जीजा - साले को कहा भागो सालों बिना नंबर की
    गाड़ी में क्यों घूमते हो।पुलिस ने तो उन्हें भगा दिया मगर जब महेंद्र और अशोक वहां पहुंचे तो माजरा देखकर उन्हें
    पुलिस के रवैये पर जमकर गुस्सा आया। महिला के दोनों तरफ दो बच्चे कोमल और अमन रो
    रहे थे। आखिर अब इन मासूमों को कौन बताए अब उनकी मां वापस नहीं आएगी। शायद आज
    इन मासूमों की जिंदा होती अगर जनता के रखवाले समय पर सक्रिय हो जाते। आखिर पुलिस में
    कब संवेदनशीलता जागेगी।

- रवींद्र कैलासिया

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