शुक्रवार, 5 जून 2009

साइ•ल पर ज्यादा दिन नहीं चले नेता

आज विश्व पर्यावरण दिवस है। मध्यप्रदेश में ए• साइ•ल राइडर क्लब ने इस मौ•े पर अच्छी पहल •ी है। उस•े द्वारा लोगों •ो इस•े लिए प्रेरित •रने •ी •ोशिश •ी जा रही है •ि छोटे-मोटे •ाम साइ•ल पर जा•र •िए जा स•ते हैं और इससे ईंधन •ी बचत •े साथ पर्यावरण •ो सुरक्षित •िया जा स•ता है। विश्व पर्यावरण दिवस पर क्लब द्वारा पांच •िलोमीटर •ी साइ•ल रैली •ा आयोजन •िया गया है जिस•ा •ई दिनों से व्याप• प्रचार •िया जा रहा है। क्लब •ा उद्देश्य बहुत अच्छा है मगर •ायदे से इस•ी शुरूआत क्लब •े सदस्यों •ो स्वयं •े घर से •रना चाहिए। •ुछ समय पहले मप्र सर•ार •े मुखिया शिवराजसिंह चौहान ने •ेंद्र सर•ार •ी पेट्रोल डीजल •ीमत वृद्धि और आर्थि• मंदी •े दौर में ईंधन •ी बचत •ो ले•र साइ•ल •ी सवारी •र खूब प्रचार पाया था। तब मुख्यमंत्री ने ऐलान •िया था •ि सप्ताह में ए• दिन वे और उन•े मंत्रिमंडल •े सदस्य ेघर से मंत्रालय त• साइ•ल से सवारी •रेंगे। इस ऐलान •े •ुछ दिन बाद ही सर•ार वापस पटरी पर आ गई और सीएम सहित उन•े मंत्री साइ•ल •ो छोड़ •ार पर सवार हो गए। पता नहीं उन्होंने जिन साइ•लों •ो खरीदा था वे उन•े बंगलों में •िस •ोने में धूल खा रही होंगी। अब साइ•ल राइडर क्लब इस मुहिम •ो चला रहा है। क्लब में जो सदस्य हैं वे घर और दफ्तर में तो ऐसी में बैठते ही हैं साथ बिना एसी •े •ार में भी सवारी नहीं •रते। उन्होंने क्लब •े प्रचार •े लिए महंगी-महंगी साइ•लें खरीदी हैं। जिन पर सवार हो •र ये लोग महीने में ए• या दो बार नि•ल पड़ते हैं। ये दो उदाहरण इसलिए दिए हैं •ि पर्यावरण और अर्थव्यवस्था •ी चिंता •रने वाले नेता और अफसर •ो सबसे पहले अपने घर से शुरूआत •रना चाहिए। वे अपने वादे पर अडिग रहे हैं तो जनता खुद ब खुद उन•े पीछे-पीछे चलने लगेगी। यही वजह है •ि जनता उन•ी बातों •ो गंभीरता से नहीं लेती और उन•ी ही तरह आज •ी बात •ो •ल भूल जाती है। आज भी अगर नेता और अफसर •ेवल सप्ताह में ए• दिन साइ•ल पर चल•र मंत्रालय पहुंचने •ा प्रण ले लें और दूसरे अफसर और •र्मचारियों •ो भी इस•े लिए प्रेरित •रें तो देखिए प्रदेश •े सभी शहरों में उस दिन वातावरण •ितना खुशनुमा होगा और आ•ाश में धूंए •े •ाले बादल दिखाई नहीं देंगे।
पर्यावरण दिवस •ी बधाई। पॉलीथिन •ा •म से •म उपयोग •रें और पर्यावरण •ो सुरक्षित •रें।
- रवींद्र •ैलासिया

2 टिप्‍पणियां:

  1. जब घर में बीसियों गाडियां खडी हों, तो साईकिल की जरूरत ही क्‍या है।

    -Zakir Ali ‘Rajnish’
    { Secretary-TSALIIM & SBAI }

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  2. अजी ये नेता है...इनकी बातों की कथनी और करनी में बहुत अंतर होता है...

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