मैं पेशे पत्रकार हूं। 1984 में इत्तफाक से इंदौर में पढऩे गया था और वहां नईदुनिया समाचार पत्र परिवार के साथ रहने का मौका मिला। उस माहौल में ऐसा रमा कि उसके बाद फिर मैंने दूसरे पेशे या नौकरी की तरफ देखा भी नहीं। मैं नईदुनिया इंदौर के बाद चौथा संसार इंदौर के भोपाल ब्यूरो, दैनिक नईदुनिया भोपाल, नवभारत का सफर तय करता हुआ आज दैनिक भास्कर में हूं। मैं व्यवस्था की खामियों को लेकर चिंतित रहने वाला पत्रकार हूं और विशुद्ध पत्रकारिता करने का पक्षधर हूं।
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