
लालू प्रसाद यादव और उनकी पार्टी को लोकसभा चुनाव में जनता ने सबक सिखा दिया है मगर लगता है कि अभी-भी उनकी समझ नहीं आ रहा है। वे नौटंकी कर गरीबों का मजाक उड़ाने से बाज नहीं आ रहे हैं। आलीशान गाड़ी में बैठकर गरीबों को 500-500 रुपए के नोट बांट रहे हैं। और तो और उन्हें न जाने किस बात की खुशी हुई है जो अद्र्धनग्न अवस्था में उनके सामने हाथ जोड़कर खड़े गरीबों को मिठाई खिला रहे हैं। हार का स्वाद चखने के पहले हवा में उड़ान भर रहे लालू ने सोनिया गांधी का साथ छोड़ा और फिर दूसरे हवाई नेता बन चुके रामविलास पासवान से हाथ मिलाया। जनता द्वारा बुरी तरह ठुकराए जाने के बाद उन्हें पार्टी के जमीनी कार्यकर्ता याद आने लगे। इसके लिए उन्होंने कार्यकर्ताओं को स्वादिष्ट व्यंजन खिलाए। इन व्यंजन का स्वाद तो कार्यकर्ताओं ने चख लिया मगर पार्टी को मिली हार के कड़वे सच को वे हजम नहीं कर पा रहे हैं। लालू को इसके बाद मतदान केंद्रों पर पहुंचकर उन्हें हार दिखाने वाले मतदाताओं तक जाने की याद आर्ई। वे गरीबों की बस्तियों में पहुंचे जिसकी तस्वीरें टीवी पर दिखाई गईं। दृश्यों में जो दिखाई दिया उससे लगता है कि हार के बाद भी वे गरीबों का मजाक उड़ाने से बाज नहीं आ रहे हैं। शायद उन्हें अभी भी अपने पैसे का घमंड है। तस्वीरों में दिख रहा था कि लालू आलीशान गाड़ी में बैठे हैं और सीट के एक कोने से पांच-पांच सौ के नोट उठाकर गरीबों को देकर उनके सिर पर हाथ फेर रहे हैं। उनका यह व्यवहार क्या गरीबों के दिलों में जगह बनाने के लिए काफी है।
- रवींद्र कैलासिया
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