मध्यप्रदेश के शहडोल जिले में एक सामूहिक विवाह समारोह में 138 युवतियां मंडप के नीचे बैठी थी और उनमें से 14 गर्भवती पाई गईं। यह रहस्य उस समय खुला जब सरकारी मेडिकल टीम ने उन युवतियां की उम्र का परीक्षण कर रही थी। यह एक अखबार के लिए छोटा सा समाचार था मगर हमारे समाज के लिए बड़ा झटका है। हमारी संस्कृति के साथ इलेक्ट्रानिक मीडिया और फिल्मों द्वारा किए जा रहे खिलवाड़ का यह नतीजा है।
मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत जिला प्रशासन द्वारा सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया जाता है जो शहडोल में होता है। इसमें कम उम्र की लड़कियों की शादी न हो जाए यह एहतियात बरतने के लिए जिला प्रशासन द्वारा विवाह से पहले उनकी उम्र की जांच कराई जाती है। यह एहतियात इसलिए बरता जाता है क्योंकि इसके पहले एक आयोजन में यहां एक गर्भवती युवती का विवाह हो चुका है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में लड़की शादी में सरकार खर्च करती है। मंडप के नीचे बैठी युवतियों में से 10 फीसदी के गर्भवती होना समाज को सतर्क रहने के संकेत हैं। यह तो सरकारी आयोजन था तो पता चल गया। परिवार के लोगों और स्वयं युवतियों को इस दिशा में सोचना चाहिए। जिससे उनका भविष्य खराब न हो।
- रवींद्र कैलासिया
बुधवार, 1 जुलाई 2009
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badhiya khabar. par garbhvati hone se koi vivaah avaidh nahee hota hai
जवाब देंहटाएंइस योजना में बहुत धांधली चल रही है . शादीशुदा जोड़े पैसो की लालच में मंडप में बैठ जाते है .
जवाब देंहटाएंमहेन्द्र जी की बात सही लगती है...
जवाब देंहटाएंमुझे लगता है, ये विवाह पूर्व व्यभिचार का नहीं बल्कि सरकारी पैसो के लालच में विवाहित जोडो का फिर से विवाह मंडप में बैठने का मामला है.
जवाब देंहटाएंkhabar achhi hai.....
जवाब देंहटाएंun vadhoo se poochtach nahi ki gayee kya....
रवींद्र भाई,
जवाब देंहटाएंसर्व सत्यानाश, आपके ब्लॉग को यह खबर बिलकुल रेखांकित करती है। आखिर यह सब क्यों न हो? भई जमाना विज्ञापन का है। इन्होंने सतर्कता नहीं बरती। फिर इस योजना में धन के लिए कुछ भी करेगा, वाली कहावत चरितार्थ होती है। यह समाज की विद्रूपता का एक उदाहरण है। अभी इसी समाज में बहुत ही विकृतियां आने वाली हैं। ऐसे में आपका ब्लॉग चर्चित हो जाएगा।
डॉ. महेश परिमल
कमाल है इस देश के लोगों का. कहीं से भी पैसे बनाने की तरकीब निकाल लेते हैं :)
जवाब देंहटाएंमहेन्द्र मिश्र से सहमत!
जवाब देंहटाएंसरकारी पैसा हड़पने के लिए लोग कितना गिर जाते हैं !
जवाब देंहटाएंइस वाकये का एक दूसरा पहलू भी है, जिसके बारें में कोई बात करना भी नहीं चाहता!!!!!
जवाब देंहटाएंअजी खबर पढ़ कर तो मेरा मुह खुला का खुला रह गया
जवाब देंहटाएंवीनस केसरी
कौन सी बड़ी बात है। पैसों के लिए समाज में क्या कुछ नहीं हो रहा। देख लीजियेगा। करीब करीब सभी विवाहित जोड़े निकलेंगे।
जवाब देंहटाएंजरूर कोई दूसरी बात होगी। मामला इतना सपाट नहीं है।
जवाब देंहटाएंशायद महेन्द्र जी सही कह रहे हैं।
ऐसे कल्याणकारी सरकारी कार्यक्रमों के आयोजकों को सतर्क रहने की जरूरत है। अच्छी से अच्छी योजना सही क्रियान्वयन के अभाव में फ्लॉप हो जाती है।